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कबीरा खड़ा बाज़ार में

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आज भोग वाद का युग है । संचय और संग्रह आज के जीवन  की कटु सच्चाई  है। बिना इसके आप का इहलोक  परलोक  दोनों  दाँव पर लग सकते हैं। एक जमाना  था जब लोग संचय को महत्व नहीं देते थे। अपरिग्रह  और त्याग  ...