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काठ के हंड़िया

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हास्यकाव्यलोकभाषा बघेली हास्य-व्यंग्य

अपना हित साधने के लिए लोगों से छल-कपट पूर्वक अपना मतलब साधना। लेकिन कोई भी व्यक्ति छल कपट पूर्वक बार बार हित नहीं साध पाता क्योंकि काठ का बरतन बार बार आग पर नहीं चढ़ सकता क्योंकि जैसे आग के ...

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Sudhakant Mishra Belala
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