मेरे होठों की हँसी छीनने वाले वक़्त बदलने दे ज़िंदगी के सफर में, मैं फिर मुस्कुराउंगी। एक ठोकर खाई मैने और बिखर गए थे सब ख्वाब मेरे तू देखना, बिखरे ख्वाबों को मैं फिर सजाऊंगी। कोई दौलत नही, मांगी थी बस ...
मेरे होठों की हँसी छीनने वाले वक़्त बदलने दे ज़िंदगी के सफर में, मैं फिर मुस्कुराउंगी। एक ठोकर खाई मैने और बिखर गए थे सब ख्वाब मेरे तू देखना, बिखरे ख्वाबों को मैं फिर सजाऊंगी। कोई दौलत नही, मांगी थी बस ...