जब अपने ही अपने को सताने लगे बेटा बाप को जब आंखे दिखने लगे बेटा बाप को जब राक्षस कहने लगे सहायता भी एक दिखवा लगने लगे जब कोई बड़े की देखने वाला न हो झिड़की सुनने के अलावा न चारा रहे सोचना होगा ...
जब अपने ही अपने को सताने लगे बेटा बाप को जब आंखे दिखने लगे बेटा बाप को जब राक्षस कहने लगे सहायता भी एक दिखवा लगने लगे जब कोई बड़े की देखने वाला न हो झिड़की सुनने के अलावा न चारा रहे सोचना होगा ...