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जिंदगी

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दिल तू अब भूल जा उस फ़साने को सुनेगा कौन, कहाँ फुर्सत इस जमाने को बैठा है जिनके ख्यालों में यूँ तू होके उदास ये तेरा ख़याल है कि आएंगे वो मनाने को ये तो शम्मा ही खुशनसीब थी जो जलती रही वरना आये थे ...

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Khem Chand Sharma
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