मनोज एक सीधा साधा दिहाड़ी मजदूर था। बाकी मजदूरों की तरह वह भी अपने गाँव से कुछ सपने लेकर आया था। सोचा था, ये स्वप्न नगरी मुंबई है। यहाँ सबके सपने पूरे होते है, शायद मेरी भी इच्छा माँ मुम्बा देवी ...
मनोज एक सीधा साधा दिहाड़ी मजदूर था। बाकी मजदूरों की तरह वह भी अपने गाँव से कुछ सपने लेकर आया था। सोचा था, ये स्वप्न नगरी मुंबई है। यहाँ सबके सपने पूरे होते है, शायद मेरी भी इच्छा माँ मुम्बा देवी ...