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झाँसी की रानी

4.8
731

सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी, गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी, दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी। चमक उठी सन सत्तावन में, वह ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : सुभद्रा कुमारी चौहान जन्म : 16 अगस्त 1904, इलाहाबाद(उत्तर प्रदेश) देहावसान : 15 फरवरी 1948, जबलपुर(मध्य प्रदेश) भाषा : हिन्दी विधाएँ : कविता, कहानी सुभद्रा कुमारी चौहान एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं हिन्दी भाषा की एक सुप्रसिद्ध रचनाकार हैं, इनकी कविता झाँसी की रानी एक कालजयी रचना मानी जाती है। इनके सम्मान में भारत सरकार ने एक डाक टिकट जारी किया हुआ है, और साथ ही साथ भारतीय नवसेना ने अपने एक तट-रक्षक जहाज का नाम भी इनके नाम पर रखा है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Kamlesh Singh
    15 जुलाई 2020
    aap ke bare mein comment karnma impossible hai
  • author
    Sumit Jha
    16 अक्टूबर 2018
    Utsah aur josh se bhar dene vali kavita
  • author
    पूनम रानी
    19 मई 2020
    बेस्ट रचना👌🙏🙏🙏
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    Kamlesh Singh
    15 जुलाई 2020
    aap ke bare mein comment karnma impossible hai
  • author
    Sumit Jha
    16 अक्टूबर 2018
    Utsah aur josh se bhar dene vali kavita
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    पूनम रानी
    19 मई 2020
    बेस्ट रचना👌🙏🙏🙏