पिछले चार वर्ष से लेखन के क्षेत्र में सक्रिय। अपने शुरुआती दिनों से ही प्रतिलिपि के साथ जुड़ी हुई हूँ, पहले एक पाठिका के रूप में और अब एक लेखिका के रूप में भी।
इसी प्रतिलिपि के मंच पर बहुत सारे प्रोत्साहक पाठक एवं उत्तम मार्गदर्शक लेखक मिले हैं; जिनके साथ एक मैत्रिपूर्ण संबंध जुड़ गया है। और अब गाहे बेगाहे हम लोग एक दूसरे की रचनाओं को पढ़ते भी हैं एवं एक-दूजे की आलोचना करके रचनाओं को तराशते भी हैं।
मेरी अब तक लिखी हुई लगभग सभी कहानियाँ ( पुस्तकों की छोड़कर) एवं लेख आपको प्रतिलिपि पर उपलब्ध हो जाएँगे। यदि मुझे और पढ़ने की इच्छा रखते हैं तो मेरी इन प्रकाशित पुस्तकों पर भी एक नज़र मार सकते हैं:--
1) कुछ अनकहे अल्फाज़ कुछ अधूरे ख्वाब ( कहानी संग्रह)
2) माँ की डायरी ( लघु उपन्यास)
3) संसुमिता ( साझा संकलन)
4) चतुष्कोण ( कहानी संग्रह)
आपकी प्रतिक्रियाएँ मेरे लेखन को सुधारता है इसलिए उनका मुझे सदैव इंतज़ार रहेगा।
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