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जस करनी तस भोगहु ताता

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#जस_करनी_तस_भोगहु_ताता मनुष्य ईश्वर की सबसे आला और उम्दा रचना । मनुष्य को ईश्वर ने दिमाग दिया और दिल में भावनाओं का समन्दर । भावना  दो तरह की होती है सद्भावना और दुर्भावना । ईश्वर तो सबको सद्भावना ही ...

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लेखक के बारे में
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आनंद भाऊ

मैं आनंद भाऊ बरगढ़ चित्रकूट शुद्ध देहाती शौकिया कवि और लेखक हूँ । भ्रष्टाचार का धुर विरोधी हूँ इसीलिए पीड़ित हूँ । पहले फेसबुक पर लिखता था । एक मित्र ने प्रतिलिपि के बारे में जानकारी दी । आपके समक्ष हूँ ।

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