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जन्मना जायते शूद्रः संस्काराद्द्विज उच्यते ॥

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समस्त पाठकों को प्रणाम आप के समक्ष प्रस्तुत है कुछ उदाहरण कि ब्राम्हण जन्म से ही ब्रम्ह ज्ञानी हो सकते हैं यदि संस्कारी ब्राम्हण के कुल में जन्म मिला है, अन्यथा वर्ण शंकर के लिए तो कुल मर्यादा कोई ...