जहरीले चाले.. कब तक बचा के रखूंगी दिल नादान को उसके हर वक्त जहरीली चालों से हम हर बार मात खा जाते हैं उसकी शतरंज की सभी चालों से...!! ये महफिल भी किसी शतरंज सी जमी है हर तरफ शब्दों की मोहरे ...
जहरीले चाले.. कब तक बचा के रखूंगी दिल नादान को उसके हर वक्त जहरीली चालों से हम हर बार मात खा जाते हैं उसकी शतरंज की सभी चालों से...!! ये महफिल भी किसी शतरंज सी जमी है हर तरफ शब्दों की मोहरे ...