जब तुम सोती रहती हो,तब गीत बनाए जाते हैं जाग जाग कर रातों को,तमन्ना मिटाए जाते हैं। क्या करती रहती हो तुम,घर में बैठे यूँ हरदम तन्हा सी एक बस्ती में,जब आग लगाए जाते हैं। मेरी पीड़ा,मेरे दर्द पर मरहम ...
जब तुम सोती रहती हो,तब गीत बनाए जाते हैं जाग जाग कर रातों को,तमन्ना मिटाए जाते हैं। क्या करती रहती हो तुम,घर में बैठे यूँ हरदम तन्हा सी एक बस्ती में,जब आग लगाए जाते हैं। मेरी पीड़ा,मेरे दर्द पर मरहम ...