जब तु पैदा हुआ था कितना मजबूर था , कि जहाँ भी तेरी सोचों से भी दूर था ... हाथ पैर भी तेरे अपने न थे , तेरी आँखों में दुनिया के सपने न थे... तुझको आता सिर्फ रोना ही ...
जब तु पैदा हुआ था कितना मजबूर था , कि जहाँ भी तेरी सोचों से भी दूर था ... हाथ पैर भी तेरे अपने न थे , तेरी आँखों में दुनिया के सपने न थे... तुझको आता सिर्फ रोना ही ...