सुबह-सुबह की धूप खिली है ठंडी-ठंडी हवा चली है चिड़ियॉं चहकीं डाली डाली जैसे कोई किताब खुली है रिमझिम रिमझिम बरसे बदरा कुंज गली में कान्हा फिसला तरंग उठी राग मल्हार की ...
सुबह-सुबह की धूप खिली है ठंडी-ठंडी हवा चली है चिड़ियॉं चहकीं डाली डाली जैसे कोई किताब खुली है रिमझिम रिमझिम बरसे बदरा कुंज गली में कान्हा फिसला तरंग उठी राग मल्हार की ...