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इश्क इश्क दरिया

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बिन पूछे बह रहा है एक अश्क अश्क दरिया। मौजें उछालता है एक दर्द दर्द दरिया। बस राख उड़ रही है कोई याद जल रही है, भड़के है आज कल ये एक आग आग दरिया। इस याद के धुंए से जलती हैं मेरी आंखे, आंखो के आगे है अब ...