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इस कथा में मृत्यु

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(1) इस कथा में मृत्यु कहीं भी आ सकती है यह इधर की कथा है। जल की रगड़ से घिसता, हवा की थाप से रंग छोड़ता हाथों के स्पर्श से पुराना पड़ता और फिर हौले से निकलता ठाकुर-बाड़ी से ताम्रपात्र यह एक दुर्लभ ...