गर ख़िदमते ख़ल्क़ (श्रिष्टी की सेवा) में नेक नियत़ी का किर्द़ार अच्छा है तो मिसालें इन्सानियत से हमेंश़ा आप ही पहचाने जाओगे, वर्ना इस बेवफ़ा ज़िन्दगी का कोई भरोसा नहीं आरिफ़ आज पाया कल गवांया ...
गर ख़िदमते ख़ल्क़ (श्रिष्टी की सेवा) में नेक नियत़ी का किर्द़ार अच्छा है तो मिसालें इन्सानियत से हमेंश़ा आप ही पहचाने जाओगे, वर्ना इस बेवफ़ा ज़िन्दगी का कोई भरोसा नहीं आरिफ़ आज पाया कल गवांया ...