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हम तुम तुम हम

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धीरे धीरे बूढ़ी हो रही हूँ नहीं पता क्या होगा मेरा साथ रहेगा या रह जाऊँगी अकेली सहारा बनूँगी या सहारा लूँगी सोचती हूँ चोटी मैं बनवाऊँगी दाढ़ी उनकी बनाऊँगी सड़क पार करते समय हाथ मेरा थामेंगे वो ...