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हिरण्यकश्यप और भक्त प्रल्हाद

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बहुत समय पहले की बात है। तीनों लोकों में असुरों का आतंक सिर चढ़कर बोल रहा था। उनके सम्राट, हिरण्यकश्यप, तपस्या करके ब्रह्मा जी से ऐसा वरदान पा चुके थे जिसे सुनकर स्वर्ग के देवता भी काँप उठे थे। वरदान ...

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umeshchandra devatwal
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