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हिन्दी

हिंदी ने दिलाया सम्मान

4.5
587

हिन्दी भाषी होना उपेक्षित होना नही है।

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लेखक के बारे में
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Twinkle Tomar Singh

शिक्षिका, लेखिका, ब्लॉगर जन्म- तीर्थराज प्रयागराज। शिक्षा- परास्नातक अंग्रेजी साहित्य, राजनीति शास्त्र शिक्षा स्नातक में डिग्री प्रयाग संगीत समिति, प्रयागराज से संगीत गायन की शिक्षा। पद- लखनऊ में अँग्रेजी विषय में शिक्षिका के पद पर कार्यरत सहित्यिक यात्रा- तीन साझा कहानी संकलन 'इंद्रधनुष' व 'गुंजित मौन' व 'कथाकार'। दो उपन्यासिका 'कहीं कबाड़ कहीं क़ीमती' व 'चंद्रमल्लिका'। लेख,कहानियाँ व कविताएँ लोकप्रिय वेब साइट्स व पत्र-पत्रिकाओं जैसे दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, अमर उजाला, जनसत्ता, राजस्थान पत्रिका, सरिता मैगजीन आदि में प्रकाशित। अँग्रेज़ी साहित्य लेखन पर अच्छी पकड़। कई पुस्तकों का अँग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद।

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    राजेश ओझा
    09 नवम्बर 2018
    हिन्दी भाषी होने का मतलब गंवार होना नही होता फिर भी कहीं न कहीं बच्चों के मन में अपने कैरियर को लेकर असमंजस की स्थिति तो आ ही जाती है..हमारे हिन्दी विदों, हमारी सरकारों को इस पर ध्यान देना चाहिए कि बच्चे हिन्दी माध्यम से पढ़ने पर अपने कैरियर को लेकर चिन्तित न हों..हिन्दी को प्रायोगिक बनाना होगा..
  • author
    Shama Singh
    25 जून 2019
    ooho ... ye hui koi baat ..ab aaya uunt pahad ke niche
  • author
    Mukesh Ram Nagar
    30 सितम्बर 2018
    अत्यंत परिष्कृत शैली है आपकी..और बेहद खूबसूरत रचना🙏
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    राजेश ओझा
    09 नवम्बर 2018
    हिन्दी भाषी होने का मतलब गंवार होना नही होता फिर भी कहीं न कहीं बच्चों के मन में अपने कैरियर को लेकर असमंजस की स्थिति तो आ ही जाती है..हमारे हिन्दी विदों, हमारी सरकारों को इस पर ध्यान देना चाहिए कि बच्चे हिन्दी माध्यम से पढ़ने पर अपने कैरियर को लेकर चिन्तित न हों..हिन्दी को प्रायोगिक बनाना होगा..
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    Shama Singh
    25 जून 2019
    ooho ... ye hui koi baat ..ab aaya uunt pahad ke niche
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    Mukesh Ram Nagar
    30 सितम्बर 2018
    अत्यंत परिष्कृत शैली है आपकी..और बेहद खूबसूरत रचना🙏