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हिन्दी

हिंदी ने दिलाया सम्मान

4.5
591

हिन्दी भाषी होना उपेक्षित होना नही है।

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लेखक के बारे में
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Twinkle Tomar Singh

शिक्षिका, लेखिका, ब्लॉगर कथादेश, वागर्थ, पाखी, ककसाड़, परिंदे, कृति बहुमत, जानकीपुल, पुरवई, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, अमर उजाला, सरिता, आदि में कहानियां/कविताएँ/लेख प्रकाशित। कई साझा कहानी/कविता संग्रहों में सहभागिता। पुरस्कार -कथादेश अखिल भारतीय हिन्दी लघुकथा प्रतियोगिता-16 में लघुकथा 'सम-विधान' को द्वितीय पुरस्कार।

समीक्षा
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  • author
    राजेश ओझा
    09 नवम्बर 2018
    हिन्दी भाषी होने का मतलब गंवार होना नही होता फिर भी कहीं न कहीं बच्चों के मन में अपने कैरियर को लेकर असमंजस की स्थिति तो आ ही जाती है..हमारे हिन्दी विदों, हमारी सरकारों को इस पर ध्यान देना चाहिए कि बच्चे हिन्दी माध्यम से पढ़ने पर अपने कैरियर को लेकर चिन्तित न हों..हिन्दी को प्रायोगिक बनाना होगा..
  • author
    Shama Singh
    25 जून 2019
    ooho ... ye hui koi baat ..ab aaya uunt pahad ke niche
  • author
    Mukesh Ram Nagar
    30 सितम्बर 2018
    अत्यंत परिष्कृत शैली है आपकी..और बेहद खूबसूरत रचना🙏
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    राजेश ओझा
    09 नवम्बर 2018
    हिन्दी भाषी होने का मतलब गंवार होना नही होता फिर भी कहीं न कहीं बच्चों के मन में अपने कैरियर को लेकर असमंजस की स्थिति तो आ ही जाती है..हमारे हिन्दी विदों, हमारी सरकारों को इस पर ध्यान देना चाहिए कि बच्चे हिन्दी माध्यम से पढ़ने पर अपने कैरियर को लेकर चिन्तित न हों..हिन्दी को प्रायोगिक बनाना होगा..
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    Shama Singh
    25 जून 2019
    ooho ... ye hui koi baat ..ab aaya uunt pahad ke niche
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    Mukesh Ram Nagar
    30 सितम्बर 2018
    अत्यंत परिष्कृत शैली है आपकी..और बेहद खूबसूरत रचना🙏