pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

हिंदी ने दिलाया सम्मान

4.5
595

हिन्दी भाषी होना उपेक्षित होना नही है।

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Twinkle Tomar Singh

शिक्षिका, लेखिका, ब्लॉगर कथादेश, वागर्थ, पाखी, ककसाड़, परिंदे, कृति बहुमत, जानकीपुल, पुरवई, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, राजस्थान पत्रिका, अमर उजाला, सरिता, आदि में कहानियां/कविताएँ/लेख प्रकाशित। कई साझा कहानी/कविता संग्रहों में सहभागिता। पुरस्कार -कथादेश अखिल भारतीय हिन्दी लघुकथा प्रतियोगिता-16 में लघुकथा 'सम-विधान' को द्वितीय पुरस्कार।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    राजेश ओझा
    09 नवम्बर 2018
    हिन्दी भाषी होने का मतलब गंवार होना नही होता फिर भी कहीं न कहीं बच्चों के मन में अपने कैरियर को लेकर असमंजस की स्थिति तो आ ही जाती है..हमारे हिन्दी विदों, हमारी सरकारों को इस पर ध्यान देना चाहिए कि बच्चे हिन्दी माध्यम से पढ़ने पर अपने कैरियर को लेकर चिन्तित न हों..हिन्दी को प्रायोगिक बनाना होगा..
  • author
    Shama Singh
    25 जून 2019
    ooho ... ye hui koi baat ..ab aaya uunt pahad ke niche
  • author
    मुकेश राम नागर
    30 सितम्बर 2018
    अत्यंत परिष्कृत शैली है आपकी..और बेहद खूबसूरत रचना🙏
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    राजेश ओझा
    09 नवम्बर 2018
    हिन्दी भाषी होने का मतलब गंवार होना नही होता फिर भी कहीं न कहीं बच्चों के मन में अपने कैरियर को लेकर असमंजस की स्थिति तो आ ही जाती है..हमारे हिन्दी विदों, हमारी सरकारों को इस पर ध्यान देना चाहिए कि बच्चे हिन्दी माध्यम से पढ़ने पर अपने कैरियर को लेकर चिन्तित न हों..हिन्दी को प्रायोगिक बनाना होगा..
  • author
    Shama Singh
    25 जून 2019
    ooho ... ye hui koi baat ..ab aaya uunt pahad ke niche
  • author
    मुकेश राम नागर
    30 सितम्बर 2018
    अत्यंत परिष्कृत शैली है आपकी..और बेहद खूबसूरत रचना🙏