सिनेमा को आज साहित्य की एक विधा के रूप में स्वीकार किया जाने लगा है। साहित्य अर्थात मानव के लिये हितकर पठनीय सामग्री। अब सिनेमा हितकर है या नहीं; इसपर भले ही अलग-अलग मत मिल जायें; किन्तु यह निर्विवाद ...
सिनेमा को आज साहित्य की एक विधा के रूप में स्वीकार किया जाने लगा है। साहित्य अर्थात मानव के लिये हितकर पठनीय सामग्री। अब सिनेमा हितकर है या नहीं; इसपर भले ही अलग-अलग मत मिल जायें; किन्तु यह निर्विवाद ...