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हिन्दी सिनेमा की जन्म-शताब्दी

3.6
230

सिनेमा को आज साहित्य की एक विधा के रूप में स्वीकार किया जाने लगा है। साहित्य अर्थात मानव के लिये हितकर पठनीय सामग्री। अब सिनेमा हितकर है या नहीं; इसपर भले ही अलग-अलग मत मिल जायें; किन्तु यह निर्विवाद ...

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समीक्षा
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  • author
    BRIJESH KUMAR
    07 ഡിസംബര്‍ 2019
    very good
  • author
    Dhruv Singh
    16 ഡിസംബര്‍ 2018
    👌
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    BRIJESH KUMAR
    07 ഡിസംബര്‍ 2019
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    Dhruv Singh
    16 ഡിസംബര്‍ 2018
    👌