pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

हिफाजत

2

बहू विवाह के दूसरे दिन सुबह 7 बजे ज्योँ सो कर अपने कमरे से बाहर निकली, त्यों ही ड्राइंगरूम में बैठी सास की कड़क आवाज सुनाई दी... "अब ये देर से सोकर उठने का तरीका यहां नहीं चलेगा!" बहू ये सुनते ही वापस ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
شبینہ صدیقی

خود میں الجھی ایک انسلجھی پہیلی ہوں میں Lafzon se Fateh Karti hoon dilon ko... main woh shehzadi hun jo lashkar nahin rakhti ♥️♥️

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है