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तटबंध बंधी या तटहंती , कैसी सलिला की आश तुम्हें ? रत्नाकरगामी विपथ-भ्रष्ट या ! किस पर है विश्वास तुम्हें ?? उर्वरिणी होती सिर्फ वही जो मर्यादा में रहती है । लेकर अपार जल विपुल राशि , अपनी सीमा ...