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हास्य विनोद

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कुन्ठा से ग्रसित तुमने ना जाने कितने शब्द कह डाले बिना सोचे विचारे , अब अवसादों से घिरी मैं कहाँ खोजू अपने मन का हास्य विनोद.........!! कोमल चावला (कौमुदी). ...