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हसदेव बचाओ

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फिर एक  क्रांति लाते हैं। चलो हसदेव बचाते हैं। .. काटे अगर जो पेड़ हमने फिर शुद्ध हवा कहां से आयेगी। खेतों में लहलहाते फसलें, बिन बारिश के खिल ना पायेगी। आज की खुशी के लिए कल की बरबादी क्यों नही ...

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Md Shahid Alam
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