हरेली तिहार ( छत्तीसगढ़ी कविता ) बछर के सबले पहली तिहार हरेली तिहार, एखरे से खुलथे गा भैया किसानी के दुआर। आज खेती के औजार के पूजा करे जाथे, अउ गाय बैल बछरू मन के गोड़ धरे जाथे। आज के दिन हमर लैका ...
मैं पेशे से एक डाक्टर हूँ ( कान नाक गला विशेषज्ञ ) साहित्यिक
गद्य पद्य लेखन पिछले 10 वर्षों से । 2 गजल की किताब व 2 कहानियों का संग्रह व एक उपन्यास प्रकाशित ।।
सारांश
मैं पेशे से एक डाक्टर हूँ ( कान नाक गला विशेषज्ञ ) साहित्यिक
गद्य पद्य लेखन पिछले 10 वर्षों से । 2 गजल की किताब व 2 कहानियों का संग्रह व एक उपन्यास प्रकाशित ।।
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