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हम विकास कर गए जी

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एक तरफ आसमान से आग जल रही है. दूसरी तरफ पूरा मेवाड़ और मालवा एक साथ पूरा देश गर्मी को सहन कर रहा है पानी की आस लगाए बैठे लोग कभी कुओ में पानी के इकठा होने के इंतज़ार में घंटो चिलचिलाती धुप में इंतज़ार ...

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राहुल राठौर

में क्या हु. मुझे पता नहीं, में एक छोटा सा नन्हा सा पंछी हु | जो हर वक़्त कुदरत के साथ रह कर इस दुनिया को निहारता हु| यही हु में ! मुझे प्यार है, उन उड़ते हुए पंछियो से, जो गगन को चूमकर हर रोज आशियाने से निकल कर मिलो सफर तय करते हुए फिर अपने संग आ जाते है, कितना अछा लगता है .लोग सोचते है की ये तो कोरी कलपना है, लेकिन में इन्ही की दुनिया में जीता हु | मेरे साथियो में सिर्फ यही हु .....

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