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हम दोनो

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तुम्हारा हाथ थामे मैं सागर से घिरे महानगर में अपनी ज़मीन तलाशती रही कैसे आ जाती है नदी सागर तक चट्टानें,कन्दरा,शूलों को पार कर कैसे चाँद को छूने की कोशिश में लहरें जी जान लगा देती हैं कैसे छू लेता ...

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