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हल्ला बोल

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आज दिन है हल्ला बोल का, सीने मे धड़कती आग का नूतन विचारौं के शोर का चलो मुखौटे व नकाब उतार दो, अंदर के इंसान को विस्तार दो। आज दिन है हल्ला बोल का।। चलो चलैं मौन को आवाज दो इंसान को इंसान मैं ...

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anshul singhal

बहुत कुछ है कहने को, कहने दो आग का दरिया हूं, मुझे बहने दो, मुझे बहने दो।

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