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गुरु पूर्णिमा, गुरु वंदना, अभिनंदन

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*गुरु पूर्णिमा* *गुरु,वंदन ,सादर अभिनन्दन* प्रथम गुरू जननी माँ,दुसरे शिक्षक सुजान, गुरु से गुरुता मिले,गुरु प्रकाश पुंज समान, प्रदीप्त करें ज्ञान दीप,शिष्य को अपना मान, गुरु,पारस, संसर्ग से,बने ...

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लेखक के बारे में
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nandkishor upadhyay

सेवा निवृत्त शासकीय सेवा कृषि विभाग से,,,,,, साहित्यिक एवं सामाजिक गतिविधियों मे अभिरुची ,

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