pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

गुनाह(ग़ज़ल)......

34
5

गुनाह कुछ तो किये होंगे यूं ही नहीं सज़ा साथ होती है। अकेले सफऱ तय नहीं होते दुआ और दवा साथ होती है।। जब तलक़ पढ़ती है दुआ माँ सज़दे में मुझे कुछ नहीं होगा। चारागारों की दवा भी कलेजे से मां की तरह साथ ...