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"गुब्बारे वाली लड़की"

4.7
1803

हर रोज की तरह आज भी मैं जल्दबाजी में हड़बड़ाई सी ऑटो से उतरी। ऑटो वाले को पैसा दे कॉलेज की तरफ बढ़ ही रही थी कि किसी ने मुझे टोका - दीदी ये गुब्बारे ले लो और 10 रूपए देदो सुबह से एक भी ना बिकी। ...

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लेखक के बारे में
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Saumya swaraj

मेरी रुचि हमेशा से कहानी कविता लिखने,नए नए नोवेल्स को पढ़ने में रही है। अक्सर मै अपने नोट बुक में कहानी कविता लिखा करती हूं। हालांकि इसके अलावे भी मुझे स्केचिंग,पेंटिंग, पाक कला आदि में भी अच्छी खासी रुचि है।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Abhishek Gupta
    02 जुलाई 2022
    bahot acha laga ye kahani padh kar jo ek choti bachchi ne ye aahsas dilaya ki aap ke samne koi bhi takliph use lado naki use bhago
  • author
    पवन सिंह
    06 जुलाई 2020
    वक्त और जरूरत की वजह से इंसान समय से पहले ही बड़ा हो जाता है ।बहुत अच्छा कार्य किया आपने ।👍👌
  • author
    Amit Kishan
    06 जुलाई 2020
    मेरे साथ भी ऐसा हुआ है।।। ये सुंदर रचना हृदय को छू लेने वाली हैं।।
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    Abhishek Gupta
    02 जुलाई 2022
    bahot acha laga ye kahani padh kar jo ek choti bachchi ne ye aahsas dilaya ki aap ke samne koi bhi takliph use lado naki use bhago
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    पवन सिंह
    06 जुलाई 2020
    वक्त और जरूरत की वजह से इंसान समय से पहले ही बड़ा हो जाता है ।बहुत अच्छा कार्य किया आपने ।👍👌
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    Amit Kishan
    06 जुलाई 2020
    मेरे साथ भी ऐसा हुआ है।।। ये सुंदर रचना हृदय को छू लेने वाली हैं।।