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ग्रन्थ मनोरंजन के लिए नहीं मनोमंथन केलिए नारी रक्षा का फरमान

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[5/24, 4:19 PM] Mom: ग्रंथ मनोरंजन नहीं मन मंथन के लिए ग्रंथ तो है हृदय संत का, हुआ है बोध इसी से हमे सँत पथ का। उत्पन्न हुआ है नवनीत ये, महा मानस मंथन से है संजोग यह तो, महापुरुष योग का। तभी तो ...

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Flora Agrawal

जिंदगी का हर लम्हा आज है गुजरा कल गुजर गया आने वाला पल पता नही हमारा होगा या नहीं तो आज को मत जाने दो हर लम्हा यादगार बना ले तू

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