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गोल चबूतरा

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अब कंहा उन जामुन के पेड़ों से            झूला बांधते हैं , मैं शाम को जब भी घर पंहुचता हूं ,      बच्चे जेब में पड़ा मोबाइल               मांगते हैं... आदत जो तुम्हारी लग गई है अब ,     आदतें ...

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Santosh Singh
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