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घुटन

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लगता है अंदर ही अंदर कुछ टूट गया कोई आवाज़ नहीं कोई शोर नहीं कहना भी चाहूँ तो कह न पाऊँ ये कैसी उलझन है कैसी ये घुटन हैं                           सपना ...

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Sapna Singh

मुझे लिखना पसंद है। मुझे नहीं पता कि में कैसा लिखती हु । एक छोटी सी कोशिश करी है लिखने की । कोई गलती होते माफ करना ।

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