राजेश तीस वर्ष बाद कसबे में आया था। सुबह उठा तो एक दुःखद खबर मिली। उसके घर के पिछली गली में रहने वाली उज्ज्वला का देर रात निधन हो गया था और दोपहर को उसका दाह संस्कार होगा। यह एक संयोग था कि वह इस दुनिया से उसकी विदाई के वक़्त कसबे में आया है अन्यथा तो वह न जाने इस समय कहाँ होता। विदेश मंत्रालय में होने की वजह से वह खुद भी नहीं जानता कि वह अगले दिन कहाँ होगा। खैर, वह तय समय पर उज्ज्वला की शव यात्रा में शामिल होने उसके घर पहुँच गया। श्मशान में पहुँचकर जैसे ही उज्ज्वला के भतीजों ने उसका शव चिता पर ...
रिपोर्ट की समस्या
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