pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

घणी घणी खम्मा सा!!

0

घणी घणी खम्मा सा, मारवाड़ री धरा, घणी घणी खम्मा सा। घणी घणी खम्मा सा, रणबाँकुरा री धरती, घणी घणी खम्मा सा। तूरा बोलिया मीठी रे, ओ म्हारा पधारो म्हारे देस, मेहमान आने जोग, घणी घणी खम्मा सा। घणी घणी ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
Vistar Knowledge with MY Bargujar
समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है
  • author
    आपकी रेटिंग

  • रचना पर कोई टिप्पणी नहीं है