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गीत "आया बसन्त-आया बसन्त"

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गीत "आया बसन्त-आया बसन्त" -- सबके मन को भाया बसन्त। आया बसन्त-आया बसन्त।। उतरी हरियाली उपवन में, आ गईं बहारें मधुवन में, गुलशन में कलियाँ चहक उठीं, पुष्पित बगिया भी महक उठी, अनुरक्त हुआ मन का आँगन। ...

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लेखक के बारे में

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक पिता- स्व. घासीराम आर्य माता- स्व. श्यामवती देवी शिक्षा- एम.ए. (हिन्दी, संस्कृत) तकनीकी शिक्षा- आयुर्वेद स्नातक जन्म स्थान- नजीबाबाद, जिला-बिजनौर (उ-प्र-) स्थायी निवास- खटीमा, जिला-ऊधमसिंहनगर (उत्तराखण्ड) प्रकाशित कृतियाँ- (1) सुख का सूरज (2) नन्हें सुमन (3) धरा के रंग (4) हँसता गाता बचपन (5) कदम-कदम पर घास (6) खिली रूप की धूप (7) स्मृति उपवन (8) गजलियात-ए-रूप (9) प्रीत का व्याकरण (10) टूटते अनुबन्ध (11) इन्द्र धनुष के रंग (12) शब्द धरोहर (13) नागफनी के फूल (14) रूप की अंजुमन (15) खिलता बचपन। सम्मान- 2020 में दोहों का सर्वोच्च सम्मान "दोहा सम्राट, 2010 का सर्वश्रेष्ठ उत्सवी गीतकार, 2011 का सर्वश्रेष्ठ गीतकार (परिकल्पना सम्मान, दिल्ली) कबीर सम्मान (उत्कर्ष साहित्यिक मंच, दिल्ली) काव्य शिरोमणि (संस्कार भारती) आदि। आकाशवाणी रामपुर तथा हैलो हल्द्वानी (उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय, एफ़-एम-) से काव्य पाठ और परिचर्चा। 1996 से 2004 तक उच्चारण पत्रिका का सम्पादन तथा 20 से अधिक ब्लॉगों में सतत् लेखन। राजनीतिक सहभागिता- सदस्यः अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग, उत्तराखण्ड सरकार (सन् 2005 से 2008 तक) वार्ड नम्बर-7, टनकपुर-रोड, खटीमा, जिला-, जिला-ऊधमसिंहनगर (उत्तराखण्ड) पिन-262308 चलभाष- 7906360576

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