pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

गजल : पत्नि (हास्य)

3.8
3183

बनी है जान की आफत,कहूँ पर प्राण की प्यारी । लगी थी वो बड़ी सुंदर,असल में यार बीमारी ।। सवेरे ही सवेरे गूंजते है बोल कानो में, खड़े होकर करो पति देव जी झाड़ू की' तैयारी ।। सुना है मालकिन होती हमारे अर्ध ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

मेरा संछिप्त परिचय : छंद - आल्हा ----------------------- नाम नवीन निकाला पंडित, लेखन में पाया उत्कर्ष । राहुल कह परिवार पुकारे, उपजै उर भीतर कूँ हर्ष ।। मात - पिता का पुत्र अकेला, बहिनें माँ जाई है चार । एक बहिन मुँह बोली मेरी, पाऊँ पाँचों का मैं प्यार ।। शोभन रूप, नाम स्नेहा, परिणीता ने थामा हाथ । सुख दुख में सहभागी मेरी, यही विधाता की सौगात ।। स्नातकोत्तर किया हिंदी से, पेशा मेरा लेखापाल । मित्र अरुण नवनीत रहे दो, बने सदा ही मेरी ढाल ।। लोहागढ़ का शहर. बयाना, वर्तमान में यहीं निवास । क्षेत्र वैर का गाँव गोठरा, मेरा पैतृक यह घर खास ।। परिचय स्वरूप आज इतना ही, भूल चूक को जाना भूल । पनप रहा है नेह छाँव में, मेरा जीवन बन के फूल ।। हिंदी लेखक एवं कवि ✍🏻नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष” श्रोत्रिय निवास बयाना सम्पर्क सूत्र : 91 95 4989-9145 91 84 4008-4006 91 80 0598-9635 व्हाट्सएप 9549899145 8005989635 ईमेल : [email protected] प्रतीक चिह्न :- #nkutkarsh गूगल खोज :- NKUTKARSH Facebook : Www.FB.com/NKUtkarsh सम्प्रति : #Professional Accountant #Owner Accounting Solution Point अंतर्जाल : Https://Nkutkarsh.blogspot.com

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    ravi sharma
    19 जनवरी 2019
    आप मुस्कुरा पाने में सफल रहे.... पर हम हँसे तो नहीं... इसलिए एक सितारा खा जाते हैं... अब ठीक हैं...
  • author
    Sonu Kumar Kumar
    28 अप्रैल 2018
    itni bhi buri nhi hoti h, biwi
  • author
    shashi prabha
    21 जून 2018
    bohot badiya 😁
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    ravi sharma
    19 जनवरी 2019
    आप मुस्कुरा पाने में सफल रहे.... पर हम हँसे तो नहीं... इसलिए एक सितारा खा जाते हैं... अब ठीक हैं...
  • author
    Sonu Kumar Kumar
    28 अप्रैल 2018
    itni bhi buri nhi hoti h, biwi
  • author
    shashi prabha
    21 जून 2018
    bohot badiya 😁