मेरे बच्चों की गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई थीं।अब वे नानी घर जाने के लिए जिद करने लगे मैंने सोचा कि काफी समय से मैं भी मायके नहीं गई।इसी गर्मी की छुट्टी का फायदा उठाकर मायके घूम आती हूंँ। अपने सास ...
कवयित्री नहीं फिर भी कविता लिखती हूंँ। लेखिका नहीं फिर भी कहानी गढ़ देती हूंँ। स्वतंत्र विचार हैं, किन्तु अपनी मिट्टी और संस्कृति से जुड़ी हूंँ। सम्पूर्ण व्यक्तित्व हूंँ मैं, क्योंकि मैं आभा हूंँ, मैं अभिलाषा हूंँ।
सारांश
कवयित्री नहीं फिर भी कविता लिखती हूंँ। लेखिका नहीं फिर भी कहानी गढ़ देती हूंँ। स्वतंत्र विचार हैं, किन्तु अपनी मिट्टी और संस्कृति से जुड़ी हूंँ। सम्पूर्ण व्यक्तित्व हूंँ मैं, क्योंकि मैं आभा हूंँ, मैं अभिलाषा हूंँ।
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बधाई हो! गर्मी की छुट्टियां और मेरी नानी प्रकाशित हो चुकी है।. अपने दोस्तों को इस खुशी में शामिल करे और उनकी राय जाने।