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गर्मी

12

धरती जलती तवा समान, आग उलगता है आसमान। नीर वाष्पन,और प्रदूषण, कार्बनडाय आक्साईड का विसर्जन।। कारखानों से धुआं निकलता, अवशिष्ट भी जल में बहता।। हर कोई बना अंजान, कैसे बदलेगा इंसान।। फ्रिज, एसी से गैस ...

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लेखक के बारे में
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funny poem with SOMU

कवि नहीं, एक तुकबंदा हूं।प्रेम प्यार की रखे मलाई, भूखे पेट मैं शर्मिदा हूं।।

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