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गरीब ओर आँधी

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एक रात जोर आँधी आई, मेरे मुख पर खामोशी छाई। टूटा छप्पर, हुआ बेघर, विपदा मेरे वह घनघोर लाई।। आए हितैषी दोषी ठहराया, ऊपर वाले पर आरोप लगाया। परन्तु कोई  मेरी आंख का, सूखता आँसू पौंछ न पाया।। राज ने ...