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गरीब औरत

4.2
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“रिवरडेल” का सीजन 1 ख़त्म करने के बाद अर्तिका ने नेटफ्लिक्स बंद कर दिया. उसकी आँखें दुखने लगीं थीं. इयरफ़ोन लपेट के पर्स में डाला और आईफ़ोन जीन्स की आगे वाली जेब में. आँखें मीचकर खिड़की से बाहर देखने ...

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लेखक के बारे में
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शशांक भारतीय

अपने और अपने आसपास के बीते हुवे पलों को कहानी और कविताओं का रूप देने की एक अदना कोशिश करता हूँ. अब तक के खुद को उपन्यास "dehaati ladke" में पूरा उतार दिया है. बाकी का मैं बन रहा हूँ...

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Pooja ghanshyam Suthar
    24 जनवरी 2018
    bahut khubsurat sirf paisa hi SB kuch nhi hota pyar ,apne SPL Insan k liye samay nikalna bhi bhaut jaruri h thanku sayad kuch log samgh jaye apki y story padhkar
  • author
    अरुण
    25 जनवरी 2018
    हर किसी को सब कुछ नही मिलता, कही न कही कुछ कसक रह ही जाती है, ... हमेशा की तरह बहुत अच्छी स्टोरी है सर👍
  • author
    Mukesh Ram Nagar
    09 सितम्बर 2018
    खूबसूरत कहानी और बेहतरीन शैली...👌👌 एक हल्का सा व्यंग्य भी कि अमीर कौन है...ये, या वो..
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    Pooja ghanshyam Suthar
    24 जनवरी 2018
    bahut khubsurat sirf paisa hi SB kuch nhi hota pyar ,apne SPL Insan k liye samay nikalna bhi bhaut jaruri h thanku sayad kuch log samgh jaye apki y story padhkar
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    अरुण
    25 जनवरी 2018
    हर किसी को सब कुछ नही मिलता, कही न कही कुछ कसक रह ही जाती है, ... हमेशा की तरह बहुत अच्छी स्टोरी है सर👍
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    Mukesh Ram Nagar
    09 सितम्बर 2018
    खूबसूरत कहानी और बेहतरीन शैली...👌👌 एक हल्का सा व्यंग्य भी कि अमीर कौन है...ये, या वो..