शहर मे होली है सिर्फ एक दिन का त्यौहार। गांव वाली मस्ती नहीं है, बच्चों के पास भी नहीं। बडे घर में रंग भी नहीं खेलने देते, ये बोलकर कि दिवारें और फर्श खराब हो जाएंगे। खेलना है तो सडक़ पर खेलों, वो ...
मै कोई लेखक नहीं बस कुछ अपने विचारों को शब्दों का रूप दे देता हूँ। अगर मेरे कहानियों से किसी के हृदय चोट पहुंचती हो तो कृपया मुझे नादान समझकर क्षमा कर दे 🙏🙏🙏🙏
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सारांश
मै कोई लेखक नहीं बस कुछ अपने विचारों को शब्दों का रूप दे देता हूँ। अगर मेरे कहानियों से किसी के हृदय चोट पहुंचती हो तो कृपया मुझे नादान समझकर क्षमा कर दे 🙏🙏🙏🙏
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