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गांव का प्यार

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आओ यारा ,हम मिल खाए कांदा, रोटी मिर्ची से, खट्टी, अमिया , निबुआ धनिया चटनी हो सिल बट्टी से।। बो मडवा पे बैठ के खाना और नहाना‌ नदियां में, बो सिर गगरी,और कशैडी, बैठना संगे गडिया पे।। बो उनका पायल ...

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लेखक के बारे में
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funny poem with SOMU

कवि नहीं, एक तुकबंदा हूं।प्रेम प्यार की रखे मलाई, भूखे पेट मैं शर्मिदा हूं।।

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