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गंध

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4.4

“ओए! तुझे नहीं पता... इन नीची जात वालों के बदन से एक अलग किस्म की बू आती है।… हमारे घर में भला यह लड़की कैसे अपने आप को एडजस्ट कर पाएगी ?” “पापा, आप कैसे इस तरह की बातें सोच लेते हैं ? अरे... भूमि ...