मेरी फुरकतों के ताले खुलने कभी न पाए। कोशिश बहुत सी की पर तुम से मिल न पाए। बर्बादियों का मंजर आंखों में लाए आंसू अफसोस के अलावा कुछ न ख्याल आए। वो दब्बूपन ही था जो दिल थामे था मैं बैठा चाहत में ...
मेरी फुरकतों के ताले खुलने कभी न पाए। कोशिश बहुत सी की पर तुम से मिल न पाए। बर्बादियों का मंजर आंखों में लाए आंसू अफसोस के अलावा कुछ न ख्याल आए। वो दब्बूपन ही था जो दिल थामे था मैं बैठा चाहत में ...