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ग़ालिब के प्रेम में

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ग़ालिब तुम प्रेम हो मेरा शायद पहला और अंतिम प्रेम नहीं, इसे ग़लत मत लेना शरीर में हारमोंस के परिवर्तन के साथ रैक में सजती हुई किताबों में सांस लेती जब तुम्हारी कोई पहली पंक्ति टकराई थी मेरे कानों से या ...