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फुर्र फुर्र - (जुलाहे की कहानी)

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फुर्र-फुर्र: लोक-कथाएक जुलाहा सूत कातने के लिए रुई लेकर आ रहा था। वह नदी किनारे सुस्ताने के लिए बैठा ही था कि जोर की आँधी आई। आँधी में उसकी सारी रुई उड़ गई। जुलाहा घबराया--अगर बिना रुई के घर ...

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Arun chandrakar

पढ़ते रहो सीखते रहो। 1)लोककथा 2)हॉरर स्टोरी 3) कहानियां 4)लव स्टोरी

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