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Erotica hindi केश-आछादित

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मिल जाओ तुम, अबकी बार नेह का चुम्बन जोड़कर अधर-तार कुंतल श्याम ना कोरी मेरी अर्चना केश-आच्छादित काया सजीली संरचना देकर प्रेम अथाह हर-लो तुम मेरी पीड़ प्रेम पाखी मैं, बन जाओ तुम मेरे नीड़ तलहटी में ...